जब हम ऊंचा उड़ेंगे, तभी हम विश्व को समाधान दे पाएंगे – प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली,                      लाल किले की प्राचीर से 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश की नई शिक्षा नीति को धरती से जुड़ा बताते हुए कहा कि इसमें कौशल पर बल दिया गया है जो हमें गुलामी से मुक्ति की ताकत देगा। मोदी ने लाल किले की प्राचीर पर 9वीं बार तिरंगा फहराया। इसके बाद उन्होंने देश को संबोधित करते हुए 83 मिनट का भाषण दिया। भाषण में पीएम मोदी ने देश को 5 संकल्प दिए और अन्य कई महत्वपूर्ण विषयों का उल्लेख किया। उन्होने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति… मंथन के साथ बनी है, कोटि-कोटि लोगों के विचार प्रवाह को संकलित करते हुए बनी है। भारत की धरती से जुड़ी हुई शिक्षा नीति बनी है।

उन्होंने कहा कि इसमें हमने कौशल्य पर बल दिया है, यह ऐसा सामर्थ्य है जो हमें गुलामी से मुक्ति की ताकत देगा। मोदी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक नई आशा लेकर आयी है । भारत की धरती से जुड़ी हुई हमारी शिक्षा नीति भाषा के बंधनों को तोड़ ग़ुलामी की मानसिकता से मुक्ति की ताक़त देगी।

उन्होंने कहा कि कभी-कभी हमारी प्रतिभाएं भाषा के बंधनों में बंध जाती हैं, ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी द्वारा दिया गया ‘जय जवान, जय किसान’ का मंत्र आज भी देश के लिए प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि अटल जी ने ‘जय विज्ञान’ कह कर उसमें एक कड़ी और जोड़ दी थी, लेकिन अब ‘अमृत काल’ के लिए एक और अनिवार्यता है ‘जय अनुसंधान’। उन्होंने शोध के महत्व को रेखांकित करते हुए ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान’ के मंत्र पर जोर दिया ।

पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत, यह हर नागरिक का, हर सरकार का, समाज की हर इकाई का दायित्व बन जाता है। यह सरकारी एजेंडा नहीं है। यह समाज का जन आंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है।

उन्होंने कहा कि 75 साल के बाद लाल किले से ध्वज को सलामी देने का काम मेड इन इंडिया तोप ने किया है। आज जब यह आवाज हमने सुनी, जिसकी लिए कान तरस गए। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 15 अगस्त 2022 को लाल किले से पहली बार स्वदेशी हॉवित्जर तोपों से सलामी दी गई। इन तोपों को डीआरडीओ की आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैबलिशमेंट, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, महिंद्रा डिफेंस नेवल सिस्टम और भारत फोर्ज लिमिटेड ने मिलकर बनाया है। इस हॉवित्जर तोप का नाम है एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन। यह 155 mm/52 कैलिबर की है। भारतीय सेना के पास 155 mm की यह गन फिलहाल 7 हैं। साल 2016 में इसका पहला परीक्षण हुआ था। 40 तोपों का ऑर्डर किया हुआ है। इसके अलावा 150 और तोप बनाए जाएंगे। इसे चलाने के लिए 6 से 8 लोगों की जरूरत पड़ती है। बर्स्ट मोड में 15 सेकेंड में 3 राउंड, इंटेस में 3 मिनट में 15 राउंड और 60 मिनट में 60 राउंड फायर करता है। इसकी फायरिंग रेंज 48 किलोमीटर है। लेकिन इसे बढ़ाकर 52 करने का प्रयास किया जा रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी विरासत पर हमें गर्व होना चाहिए। जब हम अपनी धरती से जुड़ेंगे। तभी तो ऊंचा उड़ेंगे। जब हम ऊंचा उड़ेंगे, तो हम विश्व को भी समाधान दे पाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं युवाओं से देश के विकास के लिए अपने जीवन के अगले 25 वर्ष समर्पित करने का आग्रह करता हूं, हम मानवता के पूर्ण विकास के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि देश के युवाओं को असीम अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराई तक अनुसंधान के लिए भरपूर मदद मिले।

मोदी ने कहा कि इसलिए हम अंतरिक्ष मिशन, गहरे समुद्र से जुड़े मिशन का विस्तार कर रहे हैं। अंतरिक्ष और समंदर की गहराई में ही हमारे भविष्य के लिए जरूरी समाधान हैं। उन्होंने कहा कि हमारी विरासत पर हमें गर्व होना चाहिए। जब हम अपनी धरती से जुड़ेंगे, तभी तो ऊंचा उड़ेंगे। जब हम ऊंचा उड़ेंगे, तभी हम विश्व को भी समाधान दे पाएंगे।

मोदी ने कहा कि अनुभव कहता है कि एक बार हम सब संकल्प लेकर चल पड़ें, तो हम निर्धारित लक्ष्यों को पार कर लेते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे नौजवान आज नई-नई खोज के साथ दुनिया के सामने आ रहे हैं, ऐसे में हमें गुलामी की मानसिकता को तिलांजलि देनी पड़ेगी, अपने सामर्थ्य पर भरोसा करना होगा।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत को विविधता जो औरों को बोझ लगती थी। भारत की विविधता ही भारत की अनमोल शक्ति है। दुनिया को पता नहीं था कि भारत की पास सामर्थ्य है। एक संस्कार सरिता है। भारत ही लोकतंत्र की जननी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने उद्बोधन में कहा, ‘मैं पहला व्यक्ति था, जिसे लाल किले से देशवासियों के गौरवगान करने का मौका मिला था। जितना आपसे सीखा है, आपको जान पाया हूं। आपके सुख-दुख को जान पाया हूं। उसे लेकर मैंने पूरा कालखंड उन लोगों के लिए खपाया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी की जंग लड़ने वाले और आजादी के बाद देश बनाने वाले डा. राजेंद्र प्रसाद, नेहरू जी, सरदार वल्लभभाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, लाल बहादुर शास्त्री, दीन दयाल उपाध्याय, जय प्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, आचार्य विनोबा भावे, नाना दी देशमुख ऐसे अनेक महापुरुषों को आज नमन करने का अवसर है

पीएम मोदी ने कहा कि विश्व भारत की ओर गर्व, अपेक्षा से देख रहा है। दुनिया समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर खोजने लगी है। यह हमारे 75 साल की अनुभव यात्रा का परिणाम में है। जिस तरह से संकल्प लेकर हम चल रहे हैं, दुनिया हमारी ओर देख रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि इस 75 साल की यात्रा में, आशाओं, आकांक्षाओं, उतार-चढ़ावों के बीच हम सभी के प्रयास से उस मुकाम तक पहुंचे, जहां हम पहुंच सकते थे। 2014 में, नागरिकों ने मुझे जिम्मेदारी दी। आजादी के बाद पैदा हुआ पहला व्यक्ति जिसने लाल किले से इस देश के नागरिकों की प्रशंसा गाने का अवसर मिला।

पीएम मोदी ने युवाओं से अपील की कि वे आजादी के 100 साल पूरे होने के लिए अभी से संकल्प लें, कि तब यह विकसित देश होगा। विकास के केंद्र में मनुष्य होगा। पीएम मोदी ने कहा कि जब देश आजादी के 100 साल पूरे कर रहा होगा, तब युवा 50-55 साल का होगा।

पीएम मोदी ने पांच संकल्प भी देश को दिए। इन पांच संकल्पों में, 1. आने वाले 25 सालों में भारत एक विकसित देश होगा। 2. देश के किसी कोने में गुलामी का काेई अंश नहीं बचेगा। 3. देशवासियों को विरासत पर गर्व होगा। 4. एकता और एकजुटता को मजबूत किया गया जाएगा। 5. नागरिक कर्तव्यों पर जोर दिया जाएगा, हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि मेरी एक पीड़ा है, मेरा दर्द है। मैं इस दर्द को देशवासियों के सामने नहीं कहूंगा तो कहां कहूंगा। पीएम ने कहा कि आज किसी न किसी कारण से हमारे अंदर विकृति आई है, हमारे बोल चाल में, हमारे स्वभाव में, हम नारी का अपमान करते हैं। क्या हम स्वभाव से, संस्कार से, रोजमर्रा की जिंदगी में नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं? नारी का गौरव राष्ट्र के सपने पूरे करने में बहुत बड़ी पूंजी बनने वाला है, ये सामर्थ्य में देख रहा हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि देश का हर नागरिक बदलाव देखना चाहता है, लेकिन उसे इंतजार नहीं चाहिए। अपनी ही आंखों के सामने देश का नागरिक सपनों को पूरा होते देखना चाहता है। कुछ लोगों को इसके कारण संकट हो सकता है, लेकिन जब आकांक्षी समाज होता है तो सरकारों को भी तलवार की धार पर चलना पड़ता है। चाहे केंद्र सरकार हो या फिर राज्य सरकार हो, सभी को इस समाज की चिंता करनी होगी। उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हम इंतजार नहीं कर सकते।

इस समाज ने लंबे अरसे तक इंतजार किया है, लेकिन अब वह अपनी आने वाली पीढ़ी को इंतजार करने के लिए मजबूर करने को तैयार नहीं है। इसलिए अमृत काल की पहली प्रभात आकांक्षी समाज के सपने को पूरा करने का सुनहरा अवसर देती है। हमने पिछले दिनों देखा कि भारत में कैसे सामूहिक चेतना पुनर्जागरण हुआ।

पीएम मोदी ने कहा कि हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना है। जो लोग पिछली सरकारों में बैंकों को लूट-लूट कर भाग गए। हम उनकी संपत्ति जब्त कर रहे हैं। कई लोग जेल में हैं। हमारी कोशिश है कि जिन लोगों ने देश को लूटा है, उनके लिए ऐसी स्थिति बनाई जाए, कि उन्हें लूटा हुआ पैसा लौटाना पड़े। भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है। मुझे इसके खिलाफ लड़ना है। मुझे इसके खिलाफ लड़ाई को तेज करना है।

पीएम मोदी ने देश में फैले परिवारवाद की राजनीति पर भी प्रहार किया। उन्होंने कहा कि मैं भाई भतीजावाद, परिवारवाद की बात करता हूं तो लोगों को लगता है मैं सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र की बात कर रहा हूं। दुर्भाग्य से राजनीति की इस बुराई ने हिन्दुस्तान की सभी संस्थाओं में परिवारवाद को पोषित कर दिया है। इससे मेरे देश की प्रतिभा को नुकसान होता है। पीएम मोदी ने युवाओं से अपील की कि मै भाई-भतीजावाद के खिलाफ जंग में युवाओं का साथ चाहता हूं।

 

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