डीजल – पेट्रोल और सीएनजी की होम डिलिवरी

नई दिल्ली, डीजल की होम डिलीवरी के बाद अब सरकार पेट्रोल और सीएनजी की भी होम डिलिवरी पर विचार कर रही है। उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए के लिए सरकार ऐसा करना चाहती है। शुक्रवार को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह बात कही।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार एक नए रिटेलिंग मॉडल लाने पर भी विचार कर रही है जिससे सभी तरह के ईंधन जैसे पेट्रोल, डीजल, सीएनजी, एलएनजी और एलपीजी एक ही स्थान पर मिल जाए।

देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने 2018 में मोबाइल डिस्पेंसर के जरिए डीजल की होम डिलिवरी शुरू की थी। यह सुविधा अभी कुछ ही शहरों में उपलब्ध है। ऐसा कहा जाता है कि ये ईंधन अत्यधिक ज्वलनशील प्रकृति के हैं, इसलिए इस कारण इनकी होम डिलिवरी काफी जोखिम भरा है। इसके लिए संबंधित प्राधिकरणों को सुरक्षित तरीके विकसित करने और उन्हें अप्रूव कराने की जरूरत पड़ेगी।

11 राज्यों में 56 नए सीएनजी स्टेशन का उद्घाटन करते हुए प्रधान ने कहा कि सरकार मोबाइल डीजल डिस्पेंसर की शुरुआत पहले ही कर चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार इसका विस्तार करते हुए पेट्रोल और डीजल के लिए भी यह सुविधा चाहती है।प्रधान ने कहा कि लोग भविष्य में ईंधन की आपूर्ति घर पर प्राप्त कर सकेंगे।

मंत्री ने कहा कि भविष्य में लोग ईंधनों की होम डिलिवरी पाने में सक्षम होंगे। सरकार ऊर्जा की दक्षता, किफायत दर, सुरक्षा और उपलब्धता पर काम कर रही है। 

उन्होंने कहा कि जल्द ही ग्राहकों सभी तरह की ईंधन के लिए एक ही जगह जाना होगा। पेट्रोल, डीजल, सीएनजी, एलएनजी, एलपीजी सभी तरह के ईंधन एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगे।

मंत्री ने कहा कि ऑटोमोबाइल के लिए सीएनजी और रसोई घरों के लिए पाइप्ड कुकिंग गैस आपूर्ति के लिए सिटी गैस नेटवर्क से जल्द ही देश की 72 फीसदी आबादी जुड़ जाएगी। धर्मेंद्र प्रधान ने इस कार्यक्रम में गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, नई दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के 56 नए सीएनजी स्टेशन का उद्घाटन किया। 

अभी शहरी गैस नेटवर्क में 2,200 से अधिक सीएनजी आउटलेट शामिल हैं और पाइपलाइन के जरिए लगभग 61 लाख लोगों तक रसोई में पीएनजी की आपूर्ति की जा रही है।

प्रधान ने कहा कि देश गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पीएनजी के उपभोक्ताओं की संख्या 2014 में 25.4 लाख थी, जो अब बढ़कर 60.68 लाख हो गयी है। औद्योगिक गैस कनेक्शन 28 हजार से बढ़कर 41 हजार हो गए हैं। इसी तरह सीएनजी वाहनों की संख्या 22 लाख से बढ़कर 34 लाख हो गई है।

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