जदयू और राजद दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं – उपेंद्र कुशवाहा

पटना, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उनकी पार्टी का गठबंधन न तो किसी के वोट काटने के लिए, न ही किसी को परोक्ष रूप से समर्थन देने के लिए है, बल्कि यह बिहार की जनता को एक सार्थक विकल्प देने के लिए है।

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अभी तक लोजपा ने अपना रूख पूरी तरह से स्पष्ट नहीं किया है। चिराग पासवान अगर राजग से बाहर आने की घोषणा करते हैं तभी बात होगी । लेकिन निश्चित तौर पर अगर लोजपा साथ आए तो हम जनता को मजबूत विकल्प दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर अपने गठबंधन को और मजबूत बनाएंगे। 

कुशवाहा ने कहा कि बिहार की जनता नीतीश कुमार के 15 वर्षों के कुशासन से मुक्ति चाहती है। दूसरी ओर, राजद नीत गठबंधन में भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा मजबूत नहीं है और लोग इनके 15 साल के शासन के इतिहास को भी याद करते हैं । ऐसे में दोनों जनता में विश्वास पैदा करने में विफल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि लोग नीतीश के साथ भी नहीं हैं और न ही वे राजद के साथ जाना चाहते हैं क्योंकि ये दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं । ऐसे में प्रदेश की जनता एक विकल्प की तलाश में हैं । 

महागठबंधन से अलग होने के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने साफ-साफ कहा कि वर्तमान नीतीश कुमार की सरकार को हटाने के लिए राजद का वर्तमान नेतृत्व काफी नहीं है और उसने मुख्यमंत्री पद के लिए जो चेहरा (तेजस्वी यादव) पेश किया है, उसमें वह क्षमता नहीं है। 

उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन की ओर से नेतृत्व में परिवर्तन होता तो कुछ हो सकता था, क्योंकि हमें ऐसा नेतृत्व चाहिए जो नीतीश कुमार के सामने टिक सके । लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ । कुशवाहा ने कहा कि ऐसे में बुरी तरह से हारने की बजाय हमने बेहतर समझा कि जनता के समक्ष एक सार्थक विकल्प पेश किया जाए।

यह पूछने पर कि उनके गठबंधन से विपक्षी मतों का विभाजन होने से सत्तारूढ़ राजग को फायदा होगा, उन्होने कहा कि उनका गठबंधन न तो किसी का वोट काटने के लिए, न ही किसी को परोक्ष रूप से समर्थन देने के लिये है, बल्कि यह सिर्फ बिहार की जनता को एक सार्थक विकल्प देने के लिए है।

राम विलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी से गठबंधन को लेकर कोई बात होने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि अभी तक लोजपा ने अपना रूख पूरी तरह से स्पष्ट नहीं किया है। चिराग पासवान अगर राजग से बाहर आने की घोषणा करते हैं तभी बात होगी । लेकिन निश्चित तौर पर अगर लोजपा साथ आए तो हम जनता को मजबूत विकल्प दे सकते हैं ।  

उन्होंने कहा कि हम समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर अपने गठबंधन को और मजबूत बनाएंगे । 

उन्होंने कहा कि राजद और जदयू दोनों ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने तथा स्वास्थ्य एवं शिक्षा की स्थिति को बेहतर बनाने के लिये कोई ठोस काम नहीं किया । ऐसे में हम पढ़ाई, कमाई, दवाई, सिंचाई, सुनवाई और कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध बेहतर सरकार देने का वादा करते हैं। 

बिहार विधानसभा चुनाव के लिये राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और जनतांत्रिक पार्टी (सोशलिस्ट) के साथ गठबंधन किया है। रालोसपा कुछ समय पहले तक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन का हिस्सा थी । 

2015 के विधानसभा चुनाव में रालोसपा, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा थी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अकेले चुनावी मैदान में थी। पिछले विधानसभा चुनाव मे रालोसपा ने 23 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें उसके दो उम्मीदवार जीते थे और राज्य के कुल वोट के हिसाब से यह 2.56 फीसदी था। वहीं बसपा ने 228 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें एक को भी जीत नहीं मिली। राज्य स्तर पर बसपा का वोट प्रतिशत 2.7 फीसदी था तथा अधिकांश सीटों पर उसके प्रत्याशी जमानत भी नहीं बचा पाए थे। 

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