गोह: त्रिकोणीय लड़ाई में भाजपा के मनोज कुमार

औरंगाबाद, औरंगाबाद के गोह विधानसभा सीट पर मतदान पहले चरण में ही होना है। गोह विधानसभा सीट पर इस बार मुख्य टक्कर राजद के भीम सिंह और भाजपा के मनोज कुमार के बीच बताई जा रही है। इसके अलावा जाप रालोसपा के डॉक्टर रणविजय कुमार और जाप के श्याम सुंदर भी इस सीट पर चुनावी मैदान में हैं। इस सीट के मौजूदा विधायक भाजपा के मनोज कुमार हैं। जदयू के टिकट पर तीन बार विधायक रहे डॉ. रणविजय कुमार सिंह बगावत कर रालोसपा के टिकट पर चुनावी मैदान में कूदे हैं। दरअसल पूर्व व वर्तमान विधायक एक ही जाति से आते हैं। इसलिए जातीय वोटों के बंटवारे से इंकार नहीं किया जा सकता। साथ ही बागियों से वोट बचाना भी आसान नहीं होगा। यहां लड़ाई त्रिकोणीय होती दिख रही है। कुल 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। यहां राजद के भीम सिंह का पलड़ा काफी भारी हैं और इनका जीतना सुनिश्चित माना जा रहा हैं।

गोह विधानसभा सीट पर भूमिहार बनाम यादव वोटरों के दावेदारों में घमासान होता है। यह विधानसभा सीट काराकाट लोकसभा सीट के अंदर आता है।  

इस विधानसभा में कुल 2.38 लाख वोटर हैं। जिसमें 1.40 लाख यानि 47.32 प्रतिशत पुरुष और 1.56 लाख मतलब 52.60 प्रतिशत महिला वोटर हैं। यहां पिछले विधानसभा चुनाव में कुल 54.13 प्रतिशत वोटिंग हई थी। इस विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा 70.37 प्रतिशत वोटिंग साल 2000 में हुई थी, तब 80.35 प्रतिशत पुरुषों और 90.96 महिलाओं ने मतदान किया था।

इसके अलावा जातीय समीकरण की बात करें तो इस सीट पर यादव, मुस्लिम, राजपूत, भूमिहार और पासवान वोटर अच्छी संख्या में हैं।

2015 के नतीजे: पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के मनोज कुमार ने तीन बार के जदयू विधायक डॉ. रणविजय कुमार को 7,672 वोटों से हरा दिया था। इससे पहले डॉ. रणविजय कुमार 2005 और 2010 में इस विधानसभा सीट से लगातार दो बार विधायक रहे थे। 2015 में बीजेपी के मनोज कुमार ने 53615 मत लाकर इस सीट पर अपनी जीत दर्ज कराई थी जबकि जदयू के डॉ रणविजय कुमार को 45943 वोट मिले थे । दरअसल 2015 के चुनाव में बीजेपी और जदयू एक दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे थे जिसमें जदयू के डॉ रणविजय कुमार 8672 मतों से पीछे रह गये थे। इस सीट पर बीजेपी को 35.05 फीसदी वोट हासिल हुए थए और जेडीयू उम्मीदवार को 30.03 फीसदी वोट मिले थे। मगर इस बार एनडीए का कुनबा फिलहाल एकजुट है। इस बार दोनों पार्टियों के साथ आ जाने से विधानसभा चुनाव में इस सीट पर राजद के लिए थोड़ा मुश्किल हैं।

इस सीट पर अबतक कुल 15 बार विधानसभा का चुनाव हो चुका है। इसमें सबसे ज्यादा चार बार भाकपा, कांग्रेस और जदयू तीन बार और भाजपा, समता पार्टी, कांग्रेस, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी एक-एक बार चुनाव जीत चुके हैं। कांग्रेस आखिरी बार यहां 1985 में जीती थी जबकि भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव 2015 में यहां पहली बार जीती हासिल की थी।

बिहार में इस बार कुल तीन चरणों में चुनाव होना है। पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर, दूसरे चरण का मतदान 3 नवंबर और तीसरे एवं आखिरी चरण का चुनाव 7 नवंबर को होना है। पहले चरण का चुनाव नजदीक है और प्रचार-प्रसार भी तेजी पर है। पहले चरण में कुल 71 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है। इन सभी सीटों के लिए तमाम पार्टियों के बड़े से लेकर छोटे नेता तक जमकर रैलियां और जनसभाएं कर रहे हैं। सभी चरणों के चुनाव के बाद 10 नवंबर को चुनाव के नतीजे भी घोषित कर दिए जाएंगे।

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