गुपकार गैंग के लोग कश्मीर में विदेशी ताकतों का दखल चाहते हैं, अपना स्टैंड स्पष्ट करे सोनिया और राहुल गांधी

नई दिल्ली, जम्मू-कश्मीर के संबंध में हाल ही में बने राजनीतिक मोर्चे पीडीपी, एनसी समेत कई राजनीतिक दलों के संयुक्त गठबंधन ‘गुपकार गठबंधन’ को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आड़े हाथों लेते हुये ‘गुपकार गैंग’ बताया है और इसी बहाने उन्होंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर हमला बोला।

अमित शाह ने कई ट्वीट के जरिए कहा है कि गुपकार गैंग के लोग जम्मू-कश्मीर में विदेशी ताकतों का दखल चाहते हैं। 

अमित शाह ने कहा कि गुपकार गैंग ग्लोबल हो रहा है। वे चाहते हैं कि विदेशी ताकतें जम्मू-कश्मीर में दखल दें। गुपकार गैंग ने भारत के तिरंगे का भी अपमान किया है। क्या सोनिया गांधी और राहुल जी गुपकार गैंग के इस तरह के कदम का समर्थन करते हैं? भारत के लोगों के सामने उन्हें अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस और गुपकार गैंग जम्मू-कश्मीर को आतंक और अशांति के युग में वापस ले जाना चाहते हैं। वे अनुच्छेद 370 को हटाकर दलितों, महिलाओं और आदिवासियों के अधिकारों को छीनना चाहते हैं। यही कारण है कि उन्हें हर जगह लोगों द्वारा अस्वीकार किया जा रहा है।

अमित शाह ने एक और ट्वीट में कहा कि जम्मू और कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा। भारतीय लोग अब हमारे राष्ट्रीय हित के खिलाफ अपवित्र ‘ग्लोबल गठबंधन ’को बर्दाश्त नहीं करेंगे। या तो गुपकार गैंग राष्ट्रीय मूड के साथ चले, वरना लोग इसे खुद डुबो देंगे।

नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी समेत मुख्यधारा की पार्टियों के गुपकार गठबंधन में अब कांग्रेस भी शामिल हो गई है। कांग्रेस जिला विकास परिषद का चुनाव साथ गुपकार गठबंधन के साथ मिलकर लड़ने का ऐलान किया है। कांग्रेस के इस फैसले पर भाजपा ने जोरदार हमला बोला है। बीजेपी का कहना है कि जो लोग भारत के खिलाफ जहर उगलते हैं और पाकिस्तान के हमदर्द बन जाते हैं। अब कांग्रेस पार्टी भी उन लोगों के गैंग में शामिल हो चुकी है, जो एक बार फिर जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू कराने का नापाक मंसूबा रखते हैं।

गुपकर घोषणा नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष के गुपकर स्थित आवास पर चार अगस्त, 2019 को हुई एक सर्वदलीय बैठक के बाद जारी प्रस्ताव है। इसमें कहा गया था कि पार्टियों ने सर्व-सम्मति से फैसला किया है कि जम्मू कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और उसके विशेष दर्जे को संरक्षित करने के लिए वे मिलकर प्रयास करेंगी। इस घोषणा पर नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, पीपल्स कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, सीपीआई (एम), पीपल्स यूनाइटेड फ्रंट, पैंथर्स पार्टी और अवामी नैशनल कॉन्फ्रेंस ने हिस्सा लिया था। इस दौरान फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती समेत कई नेता शामिल थे। 

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