कांग्रेस ने मुफ्त बिजली और कर्ज माफ करने का किया वादा

पटना, बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को अपना घोषणा पत्र जारी किया। पार्टी ने इसे बिहार बदलाव पत्र नाम दिया है। इस घोषणा पत्र में कांग्रेस ने बिहार के किसानों से सत्ता में आने पर मुफ्त बिजली और कर्ज माफ करने का वादा किया है। इसके अलावा कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में तेजस्वी यादव को जगह दी है।

पटना में स्थित बिहार कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में घोषणा पत्र जारी करते हुए पार्टी नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर किसानों का कर्ज माफ करेगी और बिजली बिल भी माफ करेगी। इसके अलावा किसानों को फसल का सही मूल्य दिलाने के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब की तर्ज पर केंद्र के कानून को खारिज किया जाएगा।

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि 24 हज़ार करोड़ रुपए का जल से नल योजना का घोटला हमने देखा। बिहार में ‘राइट-टू-वॉटर’ यानी पानी का अधिकार (सरदार वल्लभ भाई पटेल पेय जल योजना) होगा। बिहार के केजी से पीजी तक बेटियों की शिक्षा मुफ्त होगी।

रणदीप सुरजेवाला ने चुनावी घोषणा पत्र (बदलाव पत्र) जारी करते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद सरकारी मिलीभगत से शराब बिक रही है। उन्‍होंने सरकार पर शराब माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया।

सुरजेवाला ने कहा कि एक अप्रैल 2016 से लेकर 31 अगस्त 2020 तक तीन लाख से अधिक लोग इस कानून के तहत गिरफ्तार हो चुके हैं। बिहार में कांग्रेस की सरकार बनी तो इस कानून की समीक्षा की जाएगी। निर्दोष लोगों को जेल से बाहर किया जाएगा। 

घोषणा पत्र में शराबबंदी कानून की समीक्षा की बात कर कांग्रेस भाजपा और जनता दल यू के निशाने पर आ गई है। दोनों पार्टियों ने कांग्रेस पर बिहार को फिर पुराने दौर में ले जाने की कोशिश का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि शराबबंदी कानून की वजह से गरीब तबके के परिवारों में खुशहाली आई है। उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है। इसके बावजूद कांग्रेस इसके खिलाफ बात कर रही है।

राजबब्बर ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो नौकरी मिलने तक बेरोजगारों को हर महीने 1500 रुपए देगी। उन्होंने कहा कि नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में 10 लाख नौकरी देने का फैसला लिया जाएगा।

वहीं, कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा कि आज शिक्षा के लिए बिहार के छात्र बाहर जाने को मजबूर हैं। मुख्यमंत्री ने हाथ जोड़कर पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने का अनुरोध किया लेकिन प्रधानमंत्री ने नहीं सुनी। ये मुख्यमंत्री की हैसियत है प्रधानमंत्री के सामने। उन्होंने कहा कि बारहवीं कक्षा में 90% से ज्यादा नंबर लाने वाली छात्राओं को सरकार को स्कूटी देगी।

बता दें कि वर्ष 2016 में शराबबंदी के फैसले को नीतीश सरकार ने लागू किया था और इसे एक बड़ी उपलब्धि करार दिया था। हालांकि, चुनावी सीज़न में बिहार के कई इलाकों में शराब पकड़ी गई है, जो कि इस फैसले के क्रियान्वयन पर सवाल खड़े करती है।  

बता दें कि कांग्रेस के अलावा लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने भी बुधवार को शराबबंदी पर सवाल उठाए थे। चिराग ने कहा था कि क्या सिर्फ शराबबंदी करने से ही महिला सशक्तिकरण हो गया है। शराबबंदी का फैसला सही तरीके से लागू नहीं हुआ है।

कांग्रेस के शराबबंदी की समीक्षा मामले पर जदयू प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा सामाजिक सरोकार के कार्यो से इनका लेना देना नहीं है। कांग्रेस की स्थिति ऐसी क्यों हुई है। महात्मा गांधी और अम्बेडकर को तो अब ये मान नहीं रहे हैं। 

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ट नारायण सिंह ने कहा कि शराबबंदी से बिहार में कितना बदलाव हुआ सभी ने देखा है। ऐसे में कांग्रेस का यह बयान समझ से परे है। कांग्रेस कि स्थिति पूरे देश मे कैसी हो गई है सब जानते हैं। अपनी साख बचाने के लिए कुछ भी कर रही है।

वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि शराब पीने वाले लोग शराबबंदी की समीक्षा करेंगे,अच्छी बात है। उनको करना चाहिए, शराब छोड़नी चाहिए।

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