संदेशखाली का मुख्य आरोपी फरार टीएमसी नेता शाहजहां शेख गिरफ्तार

कोलकाता,       संदेशखाली का मुख्य आरोपी फरार टीएमसी नेता शेख शाहजहां को पश्चिम बंगाल पुलिस ने उत्तर 24 परगना के मिनाखान इलाके से गिरफ्तार किया गया। मिनाखान के एसडीपीओ अमीनुल इस्लाम खान ने जानकारी देते हुए बाताया कि शेख शाहजहां को बशीरहाट कोर्ट ले जाया गया है। मिनाखान के एस.डी.पी.ओ ने बताया कि शेख शाहजहां को आज दोपहर 2 बजे बशीरहाट कोर्ट में पेश किया जाएगा।

पश्चिम बंगाल पुलिस ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं पर कथित यौन अत्याचार और जमीन हड़पने के आरोपी फरार टीएमसी नेता शाहजहां शेख को बृहस्पतिवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया।

संदेशखाली मामले में शेख शाहजहां की गिरफ्तारी पर पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा कि भाजपा के लगातार आंदोलन के चलते यह सरकार शेख शाहजहां की गिरफ्तारी के लिए बाध्य हुई। पहले तो यह सरकार मान ही नहीं रही थी कि ऐसा कुछ हुआ है… आज हमारे और संदेशखाली की माताओं-बहनों के आंदोलन के वजह से सरकार और ममता बनर्जी शेख शाहजहां की गिरफ्तारी के लिए बाध्य हुई।

शेख शाहजहां की गिरफ्तारी पर टीएमसी नेता शांतनु सेन ने कहा कि शेख शाहजहां की गिरफ्तारी यह साबित करती है कि हमारी सरकार प्रशासनिक तरीके से राजधर्म का पालन करती है। जिस तरह से हमने अपने मंत्री पार्थ चटर्जी, ज्योतिप्रिया मलिक के खिलाफ कदम उठाए थे, उसी तरह हमने संदेशखाली मामले में आरोपी शिबू हाजरा, उत्तम सरदार के खिलाफ कार्रवाई की और अब शेख शाहजहां को भी गिरफ्तार किया गया है। अभिषेक बनर्जी ने पहले ही बोला था कोर्ट के स्टे ऑर्डर के कारण पुलिस शेख शाहजहां को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है… स्टे ऑर्डर के हटने के 3-4 दिन के अंदर ही शेख शाहजहां को गिरफ्तार किया गया। एक तरफ भाजपा शासित राज्यों में जहां आरोपी नेता खुले आम घुमते हैं वहीं आरोपी टीएमसी नेता के खिलाफ अगर सबूत है तो हमारी प्रशासन उसे नहीं छोड़ती। टीएमसी के इस राजधर्म से भाजपा को सीखना चाहिए।

आपको बता दें कि शाहजहां पर संदेशखाली में कई महिलाओं के साथ उत्पीड़न का आरोप है। आरोप है कि शाहजहां शेख महिलाओं की सुंदरता को देखकर उनका उत्पीड़न करता था। उसने गुर्गों के दम पर अपना साम्राज्य कायम कर रखा था। शेख 50 दिनों से अधिक समय से फरार चल रहा था। शाहजहां शेख पर आरोप है कि जब उसके घर पर छापा मारने गई प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर कथित तौर पर भीड़ ने हमला कर दिया था। शेख की गिरफ्तारी की मांग को लेकर संदेशखाली इलाके के लोग पिछले एक महीने से हिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले में विपक्ष टीएमसी नेता शेख शाहजहां को लेकर लगातार ममता बनर्जी की सरकार को घेर रही है।

अपने परिवार में चार भाई-बहनों में सबसे बड़े शाहजहां शेख ने मजदूरी करते हुए एक यूनियन नेता के तौर पर राजनीति में कदम रखा। 2004 में वह सीपीआई (एम) से जुड़ा। इसमें उनकी मदद उसके मामा मोस्लेम शेख ने की। जो उस वक्त पर सीपीएम के नेता और पंचायत प्रमुख थे। वह छह सालों तक अपने मामा के शार्गिदी में आगे बढ़ा। 2010 में जब राज्य की राजनीति की हवा बदली ताे शाहजहां शेख ने इसे भांप लिया और फिर वह टीएमसी नेताओं से नजदीकी बढ़ाकर पार्टी में आ गया। शाहजहां शेख ने शुरुआत में टीएमसी राष्ट्रीय महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना टीएमसी जिला अध्यक्ष ज्योतिप्रियो मलिक के नेतृत्व में काम किया। जब ज्योतिप्रियो मलिक को मंत्री बनाया गया, तो शाहजहां शेख की ताकत और बढ़ गई। इसके बाद टीएमसी के बैनर तले शाहजहां शेख ने अपनी ताकत में इजाफा किया। धीरे-धीरे संपत्ति अर्जित करके क्षेत्र में खुद की छवि एक रॉबिनहुड की बना ली। क्षेत्र में कुछ लोगों के लिए वह मसीहा बन गया तो वहीं कुछ लोगों के लिए खलनायक। यही वजह रही कि 2011 से 2024 तक महिलाएं क्षेत्र में शाहजहां शेख के आतंक को सहती रहीं, लेकिन वे बोल नहीं पाईं। पांच जनवरी को जब ईडी ने शाहजहां शेख के खिलाफ कार्रवाई की तो वहां की महिलाओं को लगा कि वे अब बोल सकती हैं।

कभी एक मजदूर और मछुआरा रहा शाहजहां शेख अब बड़ी संपत्ति का मालिक है। उसके पास 17 कारें हैं। इसके अलावा उसके पास 43 बीघा जमीन और दो करोड़ रुपये से अधिक के गहने हैं। उसके बैंक खातों में करीब दो करोड़ रुपये भी जमा हैं। यह सब ब्योरा शाहजहां शेख ने पंचायत चुनावों में उपलब्ध कराया था। शेख ने अपनी वार्षिक आमदनी 20 लाख रुपये दिखाई है।

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