ताइवान में सोमवार रात को महसूस हुए भूकंप के तेज झटके

नई दिल्ली,       ताइवान में सोमवार रात को भूकंप के तेज झटके महसूस किए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.0 रही। भूकंप सोमवार रात 11:56 पर आया। भूकंप के कई झटकों के कारण राजधानी ताइपे में इमारतें हिल गईं। इससे पहले ताइवान में तीन अप्रैल को 7.2 तीव्रता के भूकंप आया था जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई थी।

ताइवान में इस महीने का दूसरा बार भूकंप आया। देश के पूर्वी तट पर सोमवार शाम 5 बजे से रात 12 बजे के दौरान 80 से ज्यादा बार झटके महसूस किए गए। इनमें सबसे ज्यादा 6.3 तीव्रता का भूकंप रहा, जो भारतीय समय के मुताबिक रात करीब 12 बजे आया।

मौसम विभाग ने बताया कि भूकंप का केंद्र पूर्वी काउंटी हुलिएन में धरती से 5.5 किलोमीटर नीचे था। भूकंप के कारण राजधानी ताइपे में कुछ इमारतें झुक गईं। जापान, चीन और फिलिपींस में भी हल्के झटके महसूस किए गए। फिलहाल किसी नुकसान की खबर नहीं है।

इससे पहले ताइवान में 3 अप्रैल को 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें करीब 14 लोगों की मौत हो गई थी। तब से अब तक ताइवान में सैकड़ों झटके महसूस किए हैं। फायर डिपार्टमेंट ने बताया कि काउंटी हुलिएन में 3 अप्रैल को आए भूंकप में क्षतिग्रस्त हुआ होटल ताजा झटकों के कारण थोड़ा और झुक गया है।

ताइवान दो टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन पर बसा देश है, जो भूकंप के लिहाज से सेंसिटिव माना जाता है। 2016 में दक्षिणी ताइवान में आए भूकंप में 100 से अधिक लोग मारे गए थे। इससे पहले 1999 में 7.3 तीव्रता के भूकंप में 2,000 से अधिक लोग मारे गए थे।

1 जनवरी 2024 को 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके बाद यहां सुनामी आ गई थी। वाजिमा शहर में करीब 4 फीट ऊंची (1.2 मीटर) लहरें उठी थीं। हालांकि, शाम को सरकार ने सुनामी की हाईएस्ट वॉर्निंग वापस ले ली थी।

जापान भूकंप के लिहाजे से सेंसिटिव है। यहां भूकंप आते रहते हैं, क्योंकि ये दो टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है। ओकिनावा प्रान्त, जहां भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, महासागर के चारों ओर भूकंपीय फॉल्ट लाइनों की एक घोड़े की नाल के आकार की श्रृंखला- रिंग ऑफ फायर के करीब स्थित है।

रिंग ऑफ फायर ऐसा इलाका है जहां कॉन्टिनेंटल प्लेट्स के साथ ओशियनिक टेक्टॉनिक प्लेट्स भी मौजूद हैं। ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो भूकंप आता है। इनके असर से ही सुनामी आती है और वोल्केनो भी फटते हैं।

दुनिया के 90% भूकंप इसी रिंग ऑफ फायर में आते हैं। यह क्षेत्र 40 हजार किलोमीटर में फैला है। दुनिया में जितने सक्रिय ज्वालामुखी हैं, उनमें से 75% इसी क्षेत्र में हैं। 15 देश- जापान, रूस, फिलिपींस, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका, कनाडा, अमेरिका, मैक्सिको, ग्वाटेमाला, कोस्टा रिका, पेरू, इक्वाडोर, चिली, बोलिविया रिंग ऑफ फायर की जद में हैं।

हर साल दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इंफॉर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20,000 भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। भूकंप कुछ सेकेंड या कुछ मिनट तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। यह भूकंप 10 मिनट तक रहा था।

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