जम्मू-कश्मीर में आतंकी साजिश नाकाम, विस्फोटक से भरी एक कार बरामद

श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने एक बड़े आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया है। पुलवामा में विस्फोटक से भरी एक कार के जरिए आतंकवादी एक बार फिर बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे, लेकिन सही समय पर मिले इनपुट के बाद सुरक्षाबलों ने कार के घेर लिया और बाद में इसे एहतियात के साथ उड़ा दिया गया।

रात को सुरक्षाबलों को जानकारी मिली कि विस्फोटक भरी एक कार सड़क पर निकली है। सुरक्षाबलों ने कार की तलाश शुरू की, कुछ देर बाद उन्हें संदिग्ध सेंट्रो कार को रोका तो सामने से फायरिंग शुरू हो गई। दोनों ओर से गोलीबारी हुई और इस दौरान कार चला रहा शख्स फरार हो गया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम मौके पर पहुंच गई है। पुलिस को जांच में पिछली सीट पर एक ड्रम में भरा विस्फोटक मिला। बताया जा रहा है कि कार में करीब 20 किलो विस्फोटक था।

आसपास के घरों को खाली कर दिया गया। बम डिस्पोजल स्क्वायड को मौके पर बुलाया गया। बाद में कार को विस्फोट से उड़ा दिया गया, क्योंकि कार को यहां से कहीं और ले जाना खतरनाक हो सकता था। बताया जा रहा है कि कार पर स्कूटर का नंबर प्लेट था। जो जम्मू संभाग के कठुआ जिले में रजिस्टर्ड है।

जम्मू कश्मीर के पुलवामा ने जिस सैंट्रो कार से भारी मात्रा विस्फोटक बरामद हुआ है उस पर लगी नंबर प्लेट दोपहिया वाहन की थी। जांच में पता चला है कि जो नंबर प्लेट कार पर लगी थी वह कठुआ जिले में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में बीएसएफ अधिकारी साहिल कुमार के नाम पर पंजीकृत है। डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि सुरक्षाबलों को गुमराह करने के लिए कार पर झूठी नंबर प्लेट लगाई गई थी। 

डीजीपी ने कहा कि कार के असली मालिक का विवरण बाद में साझा किया जाएगा। वहीं, कठुआ जिले के एसएसपी शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि सैंट्रो कार पर लगाई गई नंबर प्लेट मूल रूप से बडगाम में तैनात बीएसएफ के एएसआई साहिल कुमार की मोटरसाइकिल की थी। एसएसपी ने कहा कि बीएसएफ अधिकारी की इस मामले से कोई लेना-देना नहीं था और यह आतंकवादियों को सुरक्षाबलों को गुमराह करने का एक हथकंडा था।

विस्फोटक बरामद करने के साथ ही सुरक्षाबलों ने एक बार फिर फरवरी 2019 जैसी घटना को अंजाम दिए जाने की साजिश को नाकाम कर दिया। आतंकवादी एक बार फिर विस्फोटक भरी कार को सुरक्षाबलों की गाड़ियों से टकरना चाहते थे। पिछले साल 14 फरवरी को इसी तरह के आत्मघाती हमला में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। 

जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने बताया कि यह साजिश जैश-ए-मोहम्मद की थी और हिज्बुल मुजाहिद्दीन इसमें मददगार था। दोनों आतंकवादी संगठन मिलकर एक बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे।

आईजी विजय कुमार ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ”हमें पिछले सप्ताह से ही जानकारी मिल रही थी कि जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन मिलकर फिदायीन हमला करने वाले हैं। इसके लिए इन्होंने सेंट्रो कार ली है, इसमें आईडी भरकर हमला किया जा सकता है। कल दिन में और जानकारी मिली शाम तक सूचना पुष्ट हो गई। पुलवामा पुलिस ने सीआरपीएफ और सेना की मदद से नाका पार्टी लगाया था।’

14 फरवरी 2019 को पुलवामा में आतंकवादियों ने इसी तरह विस्फोटक से भरे एक कार को सीआरपीएफ के काफिल से टकरा दिया था। इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक करके आतंकी ठिकानों को तबाह किया था।

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