पटना, बिहार चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़ लोक जनशक्ति पार्टी में शामिल हुए रामेश्वर चौरसिया ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वह फिर से भाजपा में शामिल हो सकते हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को उन्होंने अपना इस्तीफा भेज दिया है।
रामेश्वर चौरसिया ने 2020 में एलजेपी से बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ा था। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लोजपा से इस्तीफा देने के बाद रामेश्वर चौरसिया ने पत्रकारों से कहा कि आगे की रणनीति के बारे में उन्होंने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा से टिकट नहीं मिला था। तब लोजपा ने उन्हें टिकट दिया। इसके लिए उन्होंने धन्यवाद दिया है।
रामेश्वर चौरसिया ने कहा कि वह पार्टी को समय नहीं दे पा रहे थे इसलिए त्यागपत्र दिया है। अभी आगे के बारे में कुछ सोचा नहीं है। लगा कि अभी काम नहीं कर सकते, समय नहीं दे सकते इसलिए त्यागपत्र दिया है।
उन्होंने कहा कि हर समय की परिस्थिति अलग होती है। उस समय यह निर्णय लिया था। अब आगे के बारे में सोचेंगे। उन्होंने शुभचिंतकों ने कहा है कि फिलहाल फ्री होकर काम करना है। हालांकि एक प्रश्न के उत्तर में रामेश्वर चौरसिया ने राजद या कांग्रेस में जाने की सम्भावनाओं से इंकार करते हुए खुद को भाजपा कैडर का पुराना कार्यकर्ता बताया। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही भाजपा में उनकी वापसी हो सकती है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे रामेश्वर चौरसिया लगातार तीन बार 2000, 2005 और 2010 में नोखा विधानसभा से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। चौरसिया को नीतीश विरोधी नेता माना जाता है। वह 2015 का विधानसभा चुनाव हार गए थे। इसके बाद 2020 में यह सीट जदयू के खाते में चली गई। तब रामेश्वर चौरसिया ने नाराज होकर भाजपा छोड़ दी और लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा।