तेजस्वी यादव के मॉल, राजद सांसद अशफाक करीम, फैयाज अहमद, एमएलसी सुनील सिंह और पूर्व एमएलसी सुबोध राय के घर सीबीआई छापा

पटना,                      बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले सीबीआई ने राजद सांसद अशफाक करीम, फैयाज अहमद, एमएलसी सुनील सिंह और पूर्व एमएलसी सुबोध राय के घर छापा मारा है। बुधवार सुबह सीबीआई की टीम पटना स्थित अशफाक करीम और सुनील सिंह के घरों पर छापेमारी करने पहुंची। इसके अलावा फैयाद अहमद और सुबोध राय के आवास पर भी छापेमारी की खबर है। इस जांच का दायरा गुरुग्राम तक पहुंच गया है और तेजस्वी यादव के मॉल पर छापेमारी की गई है। क्यूब्स 71 मॉल पर छापेमारी के लिए सीबीआई की टीम पहुंची है और पड़ताल की गई है। सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि इस मॉल के निर्माण में जॉब घोटाले से मिली रकम का इस्तेमाल किया गया है। कहा जा रहा है कि यह मॉल तेजस्वी यादव और उनके एक सहयोगी का है।

इस मामले में सीबीआई ने पटना, कटिहार और मधुबनी के अलावा दिल्ली में कई ठिकानों पर छापेमारी की है। इसके अलावा हरियाणा के गुरुग्राम में तेजस्वी यादव के मॉल पर रेड डाली गई है। कुल मिलाकर 25 ठिकानों पर केंद्रीय एजेंसी ने छापा मारा है। इसे लेकर सियासत भी तेज हो गई है और राजद ने इसे भाजपा की खीझ बताया है।

हालांकि सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से अबतक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। बताया जाता है कि जमीन के बदले नौकरी मामले में यह कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, इसकी पुष्टि नहींं हुई है।

जानकारी के अनुसार राजद के राज्यसभा सांसद डा. फैयाज अहमद के स्टेडियम रोड स्थित आवास पर सीबीआइ की टीम छापेमारी कर रही है। बुधवार की सुबह करीब साढ़े छह बजे टीम के अचानक पहुंचने से हड़कंप मचबगी। शहर के स्टेडियम रोड स्थित डा. फैयाज के आवास के चारों तरफ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। फ़ैयाज मधुबनी में अपने आवास पर मौजूद हैं। वहीं दूसरी ओर राजद सांसद अशफाक करीम के कटिहार के ठिकानों पर भी छापामारी की जा रही है। राज्यसभा सांसद अशफाक करीम कटिहार मेडिकल कालेज के सर्वे सर्वा हैं।  राजद कोषाध्यक्ष सुनील सिंह और पूर्व एमएलसी सुबोध राय के यहां भी सीबीआइ के छापे चल रहे हैं। पुलिस मुख्यालय के पीछे स्थित कांति पैलेस आवास पर डा. सुनील कुमार सिंह के आवास पर सीबीआइ की टीम तलाशी ले रही है।

सीबीआइ की इस कार्रवाई का राज्य में राजद व जदयू के नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया है। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार, राजद के सांसद मनोज झा, यहां तक कि एमएलसी सुनील कुमार ने भी इस कार्रवाई का विरोध किया और कहा कि भाजपा के तोते से बिहार के नेता डरने वाले नहीं। उनके आवास पर समर्थकों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है। इस कार्रवाई के बाद राजद खेमे में हड़कंप मच गया है।

बता दें कि बीती रात ही तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद ने अपने सभी एमएलसी और विधायकों की बैठक बुलाई थी जिसमें उन्होंने ईडी और दूसरी केंद्रीय जांच एजेंसियों से सतर्क रहने के लिए कहा था लेकिन इस बैठक के कुछ घंटे बाद ही राजद एमएलसी के ठिकाने पर केंद्रीय जांच एजेंसी छापेमारी के लिए पहुंच गए।

बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि हम इस तरह के छापों से डरते नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है।

तेजस्वी यादव ने सदन में ही इन छापों को लेकर जवाब देने की बात कही है। उन्होंने मीडिया से कहा कि आप लोग भी सदन में रहना। हम वहीं पर इन सभी बातों का जवाब देंगे।

छापेमारी पर विधान पार्षद सुनील सिंह ने कड़ी नाराजगी जताई। अपने घर की छत से उन्‍होंने मीडिया से बात की। कहा कि सुबह दरवाजा खटखटाया गया। यह जानबूझकर परेशान करने वाली कार्रवाई है। उन्‍होंने कहा कि आज का दिन छापेमारी के लिए क्‍यों चुना गया। इसलिए क‍ि दबाव बनाकर विधायकों को डराया-धमकाया जाए। उनकी पत्‍नी ने भी इस कार्रवाई पर कड़ी नाराजगी जताई है।

राजद के राज्‍यसभा सदस्‍य मनोज झा ने कहा कि कल ही तेजस्वी यादव ने पार्टी नेताओं को कहा था सीबीआई जैसी एजेंसी के जरिये कार्रवाई की जा सकती है। भाजपा के इशारे पर उसके तोते यह कार्रवाई कर रहे हैं। मनोज झा ने कहा कि इसे ईडी, आईटी या सीबीआई का छापा कहना गलत है। यह भाजपा की ही रे़ड है। ये सभी एजेंसियां भाजपा के तहत ही काम करती हैं। इनके दफ्तर भाजपा की स्क्रिप्ट पर ही काम करते हैं।

सीबीआई की ये कार्रवाई बिहार विधानसभा में महागठबंधन सरकार के फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले हुई है। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद बुधवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है, जिसमें नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई सरकार का बहुमत परीक्षण होगा। इसके साथ ही स्पीकर विजय सिन्हा के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर भी वोटिंग होगी।

सीबीआई ने रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियां, नौकरशाह और कुछ निजी व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। आरोप हैं कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में ग्रुप डी पोस्ट पर लोगों को नौकरियां दिलाई गईं, इसके बदले में जमीन लालू परिवार के लोगों के नाम पर करवा दी गईं। जांच में सामने आया कि रेलवे की ओर से उन पदों पर भर्ती के लिए किसी तरह का नोटिफिकेशन नहीं निकाला गया था। लालू परिवार के लोगों ने इस कथित घोटाले में एक लाख वर्ग फीट से ज्यादा की जमीन अपने नाम करवा ली थी। इससे पहले सीबीआई ने लालू परिवार के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी। पिछले महीने लालू यादव के पूर्व ओएसडी भोला यादव को इस मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।

 

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