भाजपा घोषणा पत्र: एक साल में 3 लाख शिक्षकों की नियुक्ति और 19 लाख रोजगार देने का वादा

पटना, बिहार विधानसभा चुनाव लिए भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र जारी किया। पटना के एक होटल में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पार्टी की चुनावी घोषणा पत्र को जारी किया। इसमें 5 सूत्र,1लक्ष्य,11संकल्प और आत्मनिर्भर बिहार के वादे के साथ एक रोड मैप 2020-2025 के नाम से जारी किया गया है।  

बिहार के लिए भाजपा ने अपने विजन डाक्‍यूमेंट में 11 संकल्प किए हैं, जिनमें 19 लाख रोजगार का वादा है, मगर इसमें सबसे बड़ा वादा शिक्षकों की नौकरी का है। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में वादा किया है कि आने वाले एक साल में 3 लाख टीचरों की नियुक्ति करेगी। भारतीय जनता पार्टी ने आज अपना विजन डॉक्टूयमेंट जारी किया और इस मौके पर कहा कि सरकार बनने के बाद इन वादों को पूरा करेगी। 

भारतीय जनता पार्टी के भरोसे पत्र के तीन नंबर प्वाइंट में कहा गया है कि एनडीए सरकार ने बिहार में 3.5 शिक्षकों की नियुक्तियां कीं। इसे बढ़ाते हुए आने वाले एक साल में राज्य के सभी प्रकार के विद्यालय, उच्च शिक्षा के विश्वविद्यालयों और संस्थानों में 3 लाख नए शिक्षकों की नियुक्ति किया जाएगा।

इसके अलावा, भारतीय जनता पार्टी ने राजद के 10 लाख नौकरी के जवाब में 19 लाख रोजगार देने का वादा किया है। भाजपा ने अपने घोषणा-पत्र में कहा है कि एक हजार नए किसान उत्पाद संघों को आपस में जोड़कर राज्यभर के विशेष सफल उत्पाद, (जैसे- मक्का, फल, सब्जी, चूड़ा, मखाना, पान, मशाला, शहद, मेंथा, औषधीय पौधों के लिए सप्लाई चेन विकसित करेंगे) और 10 लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

भारतीय जनता पार्टी के संकल्प
1- कोरोना का नि शुल्क टीकाकरण उपलब्ध कराएंगे
2- विद्यालय उच्च शिक्षा के विश्वविद्यालयों तथा संस्थानों में 3लाख शिक्षकों की नियुक्ति करेंगे
3- बिहार के नेक्स्ट जेनरेशन आईटी हब के रूप में विकसित करके अगले 5 वर्ष में 5 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर
4- 50 हजार करोड़ की व्यवस्था कराकर    1 करोड़ महिलाओं को स्वावलंबी बनाएंगे
5- कुल 1 लाख लोगों को स्वास्थ्य विभाग में नौकरी     के अवसर प्रदान करेंगे, दरभंगा में एम्स का संचालन 2024 तक
6- धान तथा गेहूं के बाद अब दलहन की भी खरीद एम एस पी दरों पर
7- 30 लाख लोगों को 2022 तक पक्के मकान
8- मेडिकल इंजिनियरिंग सहित तकनीकी शिक्षा को हिंदी भाषा में उपलब्ध कराएंगे
9- अगले दो सालों में निजी तथा कोम्फेड आधारित 15 दुग्ध प्रोसेसिंग उद्योग स्थापित करेंगे
10- मछलियों के उत्पादन में बिहार को देश का नंबर एक राज्य बनाएंगे
11- एक हजार नए किसान उत्पाद संघों को आपस में जोड़कर राज्यभर के विशेष सफल उत्पाद, (जैसे- मक्का, फल, सब्जी, चूड़ा, मखाना, पान, मशाला, शहद, मेंथा, औषधीय पौधों के लिए सप्लाई चेन विकसित करेंगे) और 10 लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

घोषणा पत्र जारी करने के बाद भारतीय जनता पार्टी की नेता निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले 15 सालों के दौरान बिहार के बजट में कई गुना की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि 15 साल पहले बिहार का सालाना बजट 23 हजार करोड़ रुपए होता था जो अब बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि 2005 में बिहार की जीडीपी सिर्फ 3 प्रतिशत थी जो अब बढ़कर 11.3 प्रतिशत हो गई है।

निर्मला सीतारमण ने बताया कि बिहार में अब कृषि विकास की दर 2.35 प्रतिशत से बढ़कर 8.5 प्रतिशत हो गई है और प्रति व्यक्ति आय में भी इजाफा हुआ है जो बढ़कर 43000 रुपए हो गई है। उन्होंने बताया कि 15 सालों के दौरान बिहार में उद्योगों का भी तेजी से विकास हुआ है।

उधर पार्टी ने भाजपा है तो भरोसा है हैशटैग से ट्वीट करते हुए लिखा कि   – भरोसा होता है, आंखों देखे का, किये हुए काम का, वादों को पूरा करने का। मोदीजी ने नो कहा, उससे बढ़कर किया, इस बार बिहार के लिए, भाजपा के हैं 11 संकल्प, सब मानते हैं, सब जानते हैं, भाजपा का संकल्प पूरा होगा #भाजपा_है_तो_भरोसा_है

इस मौके पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद डॉ. संजय जायसवाल, बिहार चुनाव प्रभारी पूर्व सीएम देवेन्द्र फडणवीस, बिहार भाजपा प्रभारी भूपेन्द्र यादव, केंद्रीय मंत्रियों में रविशंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय व अश्विनी कुमार चौबे, राज्य सरकार के मंत्रियों में डॉ. प्रेम कुमार व नंद किशोर यादव मौजूद रहे। 

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भाजपा के घोषणा पत्र (विजन डाक्‍यूमेंट) को लेकर सवाल उठाया है। सुरजेवाला ने इसे ‘झूठ का संकल्‍प पत्र’ करार दिया। अपने ट्विटर हैंडलर पर वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारणम  को सम्‍बोधित करते हुए सुरजेवाला ने सवाल पूछा कि यह भी बता दें कि बिहार को स्‍पेशल स्‍टेटस (विशेष राज्‍य का दर्जा) कब देंगे। 

सुरजेवाला ने लिखा- 15 साल से ‘झूठ का संकल्‍प पत्र’ कर रहे हैं। बिहार को स्‍पेशल स्‍टेटस कब देंगे। सुशील मोदी-नीतीश जी कहते हैं नौकरी के लिए पैसा है ही नही, 58,000 करोड़ चाहिए तो फिर 5 लाख रोज़गार कहां से देंगे? 15 साल से किया बदहाल, अब न चलेगी ये धूर्त चाल!

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