विजिलेंस विभाग ने केजरीवाल के निजी सहायक विभव कुमार को उनकी सेवाओं से किया बर्खास्त

नई दिल्ली,               विजिलेंस विभाग की टीम ने शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक विभव कुमार को उनकी सेवाओं से बर्खास्त कर दिया है। विजिलेंस विभाग ने विभव कुमार के खिलाफ 2007 के एक मामले में यह कार्रवाई की है, जिसमें उन पर सरकारी काम में बाधा डालने और शिकायतकर्ता को गाली देने या धमकी देने का आरोप लगाया गया था।

विजिलेंस विभाग ने बर्खास्तगी के पीछे विभव कुमार के खिलाफ दर्ज एफआईआर को कारण बताया है। यह मामला 2007 में नोएडा प्राधिकरण में तैनात महेश पाल नामक व्यक्ति ने दायर किया था। इसमें आरोप लगाया गया है कि विभव कुमार ने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर शिकायतकर्ता, एक लोक सेवक को “उसके कर्तव्य का पालन करने से रोका और उसे धमकी दी।

उल्लेखनीय है कि आबकारी नीति घोटाला मामले में आठ अप्रैल दिन सोमवार को ईडी ने मुख्यमंत्री के निजी सचिव विभव कुमार औरआम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक को भी तुगलक रोड स्थित मुख्यालय में बुलाकर दोनों से करीब छह घंटे तक पूछताछ की थी। दोनों से पहले भी पूछताछ की जा चुकी है।

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दोनों को आबकारी नीति घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कुछ दिन पहले ईडी ने जांच में शामिल होने के लिए समन भेजा था, जिससे सोमवार को दोनों अपने-अपने तय समय पर ईडी मुख्यालय पहुंच गए थे। शाम छह बजे विभव को छोड़ दिया गया उसके बाद दुर्गेश पाठक को भी छोड़ दिया गया। बेहद संवेदनशील मामला होने के कारण पूछताछ संबंधी जानकारी जांच एजेंसी अभी किसी से साझा नहीं कर रही है। क्योंकि इस मामले में जांच एजेंसी आगे कई नेताओं को भी गिरफ्तार कर सकती है।

बता दें कि विजिलेंस निदेशालय ने 10 अप्रैल से विभव कुमार की सेवाएं समाप्त कर दी है। निदेशालय ने विभव कुमार की नियुक्ति को सही नहीं माना है। निदेशालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि विभव कुमार की सर्विस तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है। इसमें कहा गया कि उनकी नियुक्ति के लिए प्रक्रिया और नियमों का सही से पालन नहीं किया गया इसलिए उनकी नियुक्ति अवैध और अमान्य है।

आदेश में विभव कुमार के खिलाफ लंबित 2007 के कानूनी मामले का भी हवाला दिया गया है। दरअसल, यह मामला सरकारी कर्मचारी पर हमला और काम में बाधा उत्पन्न करने का था। बता दें कि विभव कुमार ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी नेता से तिहाड़ जेल में मुलाकात की थी।

केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार को जो पद से हटाया गया है, उसके पीछे इस बात को आधार बनाया गया है कि 2007 में नोएडा में उनकी किसी सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट हुई थी। इसका केस है। यह मामला आगे तब बढ़ा जब इस मामले में विभव के खिलाफ चार्जशीट हुई। हाईकोर्ट ने भी इस पूरे मामले में विभव को किसी भी तरीके की कोई रिलीफ नहीं दी। मगर मामले में यूटर्न तब आया जब विभव अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बने। दरअसल, जॉइनिंग से पहले सरकार को अपना सारा रिकॉर्ड बताना पड़ता है। विभव को हटाने के पीछे इस बात का दावा किया गया है कि विभव ने यह बड़ी जानकारी सरकार से छुपाई कि उसके पीछे कोई क्रिमिनल केस भी है और इसी बात को आधार बनाकर केजरीवाल के निजी सचिव को पद से हटाया गया है।

ईडी ने आबकारी नीति घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। उन्हें 10 दिन की कस्टडी रिमांड लेकर गहन पूछताछ की गई थी। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

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