सरबजीत के हत्‍यारे डॉन अमीर सरफराज की पाकिस्‍तान में गोलियों से भूनकर हत्‍या

नई दिल्ली,             सरबजीत के हत्‍यारे डॉन अमीर सरफराज की पाकिस्‍तान में गोलियों से भूनकर हत्‍या कर दी गई। अब सरबजीत की बेटी स्वप्नदीप कौर ने पाकिस्‍तान पर आरोप लगाते हुए कहा कि पाक ने मेरे पिता सरबजीत की हत्‍या के सबूत मिटाने के लिए हत्‍यारे का मर्डर करा दिया।

शराबी हालत में सीमा पार करके पाकिस्तान गए भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह पर पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में हमला करने वाले पाकिस्तानी डॉन अमीर सरफराज की पाकिस्तान में रविवार को गोलियां मारकर अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी।

अमीर सरफराज किसी केस के संबंध में पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में बंद था। 26 अप्रैल 2013 को उसने सरबजीत सिंह पर हमला किया और 2 मई को सरबजीत को मृत घोषित किया गया। बाद में सरबजीत सिंह को पंजाब सरकार द्वारा बलिदानी घोषित किया गया था।

तरनतारन भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह 30 अगस्त 1990 की शाम पर भारत पाकिस्तान सीमा पार करके पाकिस्तान चला गया था। बाद में उसे पाकिस्तान पुलिस ने इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया। पाकिस्तान पुलिस ने दावा किया था कि तरन तारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है और पाकिस्तान में वह मनजीत सिंह के नाम पर रहता था। उसने फैसलाबाद में बम धमाके किए थे, जिनमें 14 लोगों की जान चली गई थी।

वर्ष 1991 में सरबजीत सिंह को पाकिस्तान की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। पाकिस्तान की अदालत द्वारा सरबजीत सिंह को सजा सुनाए जाने के बाद मामला केंद्र सरकार के समक्ष उठाया था। सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर पत्नी सुखप्रीत कौर ने केंद्र सरकार के समक्ष कई बार गुहार लगाते हुए सरबजीत सिंह की रिहाई के लिए मांग की थी।

जिसके बाद केंद्र की मनमोहन सिंह की सरकार ने भी पाकिस्तान से सरबजीत सिंह का मामला उठाया था। बता दें कि सरबजीत सिंह पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में बंद था। वहां पर 26 अप्रैल 2013 को इसी जेल में बंद अमीर सरफराज ने साथियों से मिलकर जानलेवा हमला किया था।

हमले में गंभीर घायल सरबजीत सिंह को अस्पताल में दाखिल करवाया गया, जिसके बाद सरबजीत सिंह का परिवार 1 मई 2013 को उन्हें मिलने के लिए पाकिस्तान पहुंचा था। परिवार सरबजीत सिंह से मिलने के लिए जब पाकिस्तान पहुंचा तो सरबजीत सिंह बेहोशी की हालत में थे।

बाद में सरबजीत का परिवार लौट आया। 2 मई 2013 को सरबजीत सिंह को मृत घोषित किर दिया गया था। सरबजीत सिंह को तत्कालीन बादल सरकार द्वारा बलिदानी का दर्जा दिया गया था। उनकी बड़ी बेटी स्वप्नदीप कौर को नायब तहसीलदार बनाया गया था।

सरबजीत सिंह की बेटी स्वप्नदीप कौर ने बताया कि वह इस समय कपूरथला में तहसीलदार तैनात हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पिता कथित तौर पर शराबी हालत में सीमा पार कर गए थे। पाकिस्तान की ओर से उन्हें मनजीत सिंह का नाम देकर बम धमाकों का आरोपित बनकर फांसी की सजा सुनाई गई थी। स्वप्नदीप कौर ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से सरबजीत सिंह के मामले पर जरा भी नरमी नहीं बरती गई। कोट लखपत जेल में अमीर सरफराज के माध्यम से उन पर हमला करवाया गया। पाक की अदालत ने अमीर को बाइज्जत बरी कर दिया था। अमीर सरफराज मामले का भेद खोलना चाहते थे कि पाकिस्तान द्वारा उन्हें मौत के घाट उतरवा दिया गया। स्वप्नदीप कौर ने इस मामले की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मामले की जांच की मांग की है।

 

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