शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल ने रची थी साजिश – दिल्ली हाई कोर्ट

नई दिल्ली,          शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी व ईडी रिमांड को चुनौती देने वाली उन की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ईडी द्वारा इकट्ठा की गई सामग्री से पता चलता है कि अरविंद केजरीवाल ने साजिश रची थी। केजरीवाल अपराध की आय के उपयोग और छिपाने में सक्रिय रूप से शामिल थे। ईडी के मामले से यह भी पता चलता है कि वह निजी तौर पर आम आदमी पार्टी के संयोजक के तौर पर भी शामिल थे।

अदालत ने कहा कि मैंने अपने फैसले में PMLA की धारा 50 के तहत दर्ज बयानों और सीआरपीसी के तहत 164 के दर्ज अप्रूवर के बयानों में अंतर बताया है। जस्टिस शर्मा पहले अंग्रेजी और फिर हिंदी में अपना फैसला पढ़ा। अदालत ने कहा कि कानून पर किसी सरकार का और न ही किसी जांच एजेंसी का नियंत्रण होता है।

हाई कोर्ट ने कहा कि सरकारी गवाह संबंधी कानून एक साल से नहीं बल्कि 100 साल से भी ज्यादा पुराना है। यह नहीं कहा जा सकता कि इसे वर्तमान याचिकाकर्ता (केजरीवाल) को फंसाने के लिए बनाया गया था। साथ ही हाई कोर्ट ने दस्तावेज की आपूर्ति नहीं करने के बिंदु पर कहा कि केजरीवाल कानून के मुताबिक दस्तावेज पाने के हकदार होंगे।

इसके अलावा राघव मगुंटा और उनके पिता द्वारा भाजपा को पैसे देने के केजरीवाल के दावे पर अदालत ने कहा कि कौन किसे चुनाव लड़ने के लिए टिकट देता है या कौन किसे चुनावी बांड देता है, यह देखना इस अदालत का काम नहीं है।

बहस के दौरान आप के राष्ट्रीय संयोजक ने अपनी गिरफ्तारी की टाइमिंग पर सवाल उठाया था। केजरीवाल ने कोर्ट में दावा किया था कि बीजेपी उन्हें जेल में डालकर चुनाव को फिक्सड मैच की तरह खेलना चाहती है। दूसरी ओर, ईडी ने AAP नेता के आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताई है। ईडी ने दावा किया कि कथित अपराध में केजरीवाल व्यक्तिगत और परोक्ष रूप से शामिल हैं। एएसजी एस वी राजू ने उदाहरण देते हुए कहा कि मान लीजिए कोई राजनीतिक व्यक्ति चुनाव से दो दिन पहले हत्या कर देता है। क्या उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा? जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने 3 अप्रैल को दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

बता दें कि शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने 21 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया था। वह लगभग 11 दिन तक रिमांड पर रहे। वर्तमान में 15 अप्रैल तक की न्यायिक हिरासत में हैं। इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने गिरफ्तारी को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। ईडी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि केजरीवाल आगामी चुनावों के आधार पर गिरफ्तारी से छूट का दावा नहीं कर सकते क्योंकि कानून उन पर और आम आदमी पर समान रूप से लागू होता है।

आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व विधायक संदीप कुमार ने अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट ने फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने वाली याचिका प्रचार पाने के लिए दायर की गई थी और याचिकाकर्ता भारी जुर्माना लगाए जाने का हकदार है। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कुमार की याचिका को एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन की कोर्ट के पास भेजते हुए ये टिप्पणियां की। जस्टिस प्रसाद ने कहा कि यह सिर्फ प्रचार के लिए है। मामला अब 10 अप्रैल को डिविजन बेंच के सामने सुनवाई के लिए लगा है।

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