किसी का भी वेतन नहीं काटा जाएगा,दो चरणों में दिया जाएगा

मुंबई, सरकारी कर्मचारियों को महाराष्ट्र सरकार ने पहले झटका दिया लेकिन जब इसका विरोध शुरू हुआ तो सरकार बैकफुट पर आ गई। महाराष्ट्र सरकार निजी कंपनियों से अपील कर रही है कि कोरोना की वजह से कर्मचारियों के वेतन में कटौती ना की जाए। वहीं, सरकार ने मंगलवार की दोपहर परिपत्रक जारी कर अपने ही कर्मचारियों के वेतन पर कैंची चला दी थी।  लेकिन, देर शाम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस तुगलकी फरमान को वापस लेने की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि किसी का भी वेतन नहीं काटा जाएगा। राज्य की खराब आर्थिक परिस्थिति के मद्देनजर दो चरणों में वेतन दिया जाएगा।

इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने मुख्यमंत्री से लेकर सी ग्रेड के कर्मचारियों तक के मार्च के वेतन में कटौती का आदेश जारी कर दिया है। वेतन में कटौती 25 से 60 फीसदी तक होगी। हालांकि डी ग्रेड के कर्मचारियों के वेतन में कोई कटौती नहीं की गई थी।

महाराष्ट्र में तीन दलों (शिवसेना,कांग्रेस,एनसीपी) की महाविकास आघाड़ी सरकार में उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने मंगलवार को वेतन कटौती की घोषणा थी। उन्होंने कहा था कि सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों के वेतन में कटौती का आदेश जारी किया गया है। मुख्यमंत्री से लेकर सभी विधायकों और एमएलसी की सैलरी में मार्च महीने में 60 फीसदी की कटौती की जाएगी। पवार ने कहा था कि यह अभूतपूर्व संकट का समय है। वेतन कटौती का निर्णय लेने से पहले राज्य शासकीय अधिकारी-कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधियों से चर्चा की गई है। उम्मीद है कि सभी कर्मचारियों और कर्मचारी संघ का हमें इस चुनैतीपूर्ण समय में सहयोग मिलेगा।

वित्तमंत्री की ओर से वेतन में कटौती का आदेश जारी होने के बाद राज्य के अधिकारी व कर्मचारी संगठन और विपक्षी दल भाजपा ने इसका कड़ा विरोध किया। संगठन के प्रदेश महासचिव विश्वास काटकर ने इस संबंध में सरकार को पत्र लिखकर अपना विरोध जताया।

उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री पवार ने तथाकथित कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी जिसका कोई मतलब नहीं है। काटकर ने कहा कि सरकार को अपना यह तुगलकी फरमान तुरंत वापस लेना चाहिए। माना जा रहा है कि इसके बाद देर शाम सरकार में हलचल शुरू हुई और आदेश वापस लिया गया।

महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना संकट से निपटने के लिए केंद्र से भी राज्य के लिए 25 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की भी मांग की है। वित्तमंत्री अजीत पवार ने सोमवार को ही इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। पत्र में राज्य की वित्तीय स्थिति और राज्य के सामने आने वाली चुनौतियों का विवरण दिया गया है। पवार ने कहा कि लॉकडाउन की स्थिति में राज्य की अर्थव्यवस्था ठप हो गई है। इसलिए केंद्र को कोरोना संकट से निपटने के लिए महाराष्ट्र को 25 हजार करोड़ का पैकैज तुरंत देना चाहिए।

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